Monday 9 May 2016

मनसा माता को खुश करने के लिए पशुओं की बली चढ़ती थी

संवत 322 में आमेर के मीणा राजा कुंतल ने कुंतलगढ़ बनवाया तब से ही मीणा समाज मनसा माता को देवी मानकर पूजा कर रहा है,साथ ही सिदेश्वर महादेव मन्दिर भी मीणा शासको की आस्था का केंद्र रहा है।धन्यवाद पत्रकार जितेंद्र शेखावत जी का।

Thursday 5 May 2016

हाड़ोती के मीनों का संघर्ष


कोटा नरेश दुर्जनसाल निसंतान थे अंता के जागीरदार विशन सिंह का पोता अजित सिंह हिम्मत सिंह झाला की कृपा से सन1756-59 कोटा के शासक बने उनसे मीनों का काफी संघर्ष चला जिसका वर्णन सूर्यमल मिश्रण ने अपने ग्रन्थ ''वंश भास्कर के पृष्ट -743 पर किया उनके तीन पुत्र थे छत्रसाल,गुमानसिंह,एवं राज सिंह थे  अजित सिंह दुवारा कई मीना गाँवो को नष्ट किया गया  कई गाँवो को घेर लिया मीना  योद्धा घिर जाने के बाद भी घबराए नहीं वे युद्ध को आतुर थे कोटा-बूंदी के मीना योद्धाओ ने अपने बांस से बने धनुषो की दोहरी प्रत्यंचा चढ़ा ली कमर लोहे की कटार  शारीर के पीछे दो तीर भरे तरकस शीर  पर पगड़ी उसमे मयूर पंख और धोखडा वृक्ष के पत्तो से सुसज्जित मुकुट पहने डू डू की किलकारी करते हुए अजित सिंह से कड़ा  मुकाबला किया | वंस भास्कर का पृष्ट रविन्द्र पेड़वा के सहयोग से मिला है | मीनों के संघर्ष की एक बानगी आपके लिए |