Sunday 17 April 2016

मीणा संत बाबा मल्ला

बाबा मल्ला
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मीणा समाज के सिद्ध संत थे बाबा मल्ला बाबा का जन्म अलीपुर हिंगोटा गांव में हुआ था और ये जरवाल गोत्र के थे. इन्होंने गृहस्थ जीवन को अपनाया और इनके बच्चे भी थे फिर जब इनके मन में बैराग उत्पन्न हुआ तो इन्होंने बाणगंगा नदी के पास तपस्या की थी और फिर सरसिका के जंगलो में चले गए थे . जानकार लोग बताते हैं कि शेर तो इनकी सुरक्षा करते थे और जब ये सो जाते थे तो शेर आकर इनके तलवे चाटा करते थे शेर इनकी आवाज सुनकर दौड़े चले आते थे ये बाबा अपने आश्रम में आने वालो की सारी बाते पहले ही जान लेते थे ये बहुत बड़े माइंड रीडर थे बताते हैं कि इनके भंडारे में कभी माल खत्म नहीं होता था चाहे कितने भी लोग प्रसाद ग्रहण कर ले इनके छूने के बाद वहा पर कड़ाई में पानी डालकर पुए उतारे जाते थे और वे बेहद ही स्वादिष्ट बनते थे जब ये अन्तर्ध्यान हुए तो वहा के जानवर बहुत बेचन हो गए थे और गाय शेर उन्हें आवाज दे दे कर पुकारते रहे थे काफी दिनों तक

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